बुधवार, 19 मई 2021

ग़ज़ल 31

 

ग़ज़ल 31: उजला उजला हो जाएगा---

21—122- 21—122 =16

 

मन जब उजला हो जाएगा

मन अंधियारा सो जायेगा

 

आएंगे जब वोट नतीजे

शोर शराबा खो जाएगा

 

दाग़ जो दिल का धो लेगा तो

प्यार का मोती बो जाएगा

 

जीतेगा फिर से वो कछुवा

धीरे धीरे वो जाएगा

 

नाच रहा है खुश होकर तू

थक कर इक दिन सो जाएगा

 

नफ़रत की बाजी हारेगी

दिल में उजाला हो जायेगा

 

सं 08-05-21

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