रविवार, 28 फ़रवरी 2021

कतरन 49 : हिंदी साहित्य भारती -संस्था के एक विचार गोष्ठी [ दिनांक 28-फ़रवरी 2021 ] भाग लेते हुए- डा0 अर्चना पांडेय

 🌸      हिन्दी साहित्य भारती      🌸


आदरणीय बन्धु/भगिनी सादर प्रणाम। 

रविवार, 28 फरवरी 2021 को सायं 6:30 बजे हिन्दी साहित्य भारती द्वारा आयोजित राष्ट्रवन्दन, वर्तमान का अभिनन्दन कार्यक्रम में आपका  हार्दिक अभिनन्दन एवं वन्दन।


 विषय: " आचार्य देवेंद्र देव कृत महाकाव्य 

              'अग्नि-ऋचा'- एक मूल्यांकन" 

(पूर्व राष्ट्रपति डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम के जीवन पर आधारित)


निम्न लिंक्स पर क्लिक करके आप कार्यक्रम से जुड़ जायेंगे।


 फेसबुक पेज लिंक 

https://www.facebook.com/hindisahityabharati2

 यु-ट्यूब लिंक 

https://www.youtube.com/channel/UCYdR3PCSoaJwFD5DNG88gcA

 केन्द्रीय अध्यक्ष जी फेसबुक पेज लिंक 

https://www.facebook.com/dr.ravindrashukla/


निवेदक:

डॉ० प्रियंका कौशिक

प्रदेश महामन्त्री, राजस्थान

एवं केन्द्रीय संयोजक

राष्ट्रवन्दन, वर्तमान का अभिनन्दन 

हिन्दी साहित्य भारती




आप पूरा कार्यक्रम यहाँ देख सकते हैं

कतरन 48 : दि ग्राम टू डे - में प्रकाशित --डा0 अर्चना पांडेय -एक साहित्यिक परिचय

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साहित्यिक परिचय : डा.अर्चना पाण्डेय

Posted bythegramtoday25/02/2021Posted inसाहित्य

नाम – डॉ अर्चना पाण्डेय

जन्म तिथि – 20 फरवरी, 1976, माउंट आबू, राजस्थान.

परिवार – मेरे एकल परिवार में शामिल हैं मेरे जीवनसाथी श्री अमित कुमार चतुर्वेदी जी जो कि रक्षा मंत्रालय में वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं और दो बेटियां अस्मि और अवनि।


शिक्षा – एमए(हिंदी), बी.एड, एम-फिल, पीएचडी (भाषा-विज्ञान) पत्रकारिता एवं अनुवाद

में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, होटल, ट्रेवल एवं पर्यटन प्रबंधन डिप्लोमा.पूर्व में टी वी पर समाचार वाचक व रेडियो पर उद्घोषक रही.


व्यवसाय – डीआरडीओ रक्षा मंत्रालय में सहायक निदेशक (राजभाषा), के रूप में कार्यरत.

पुस्तकें – रक्षा अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र में विज्ञान लेखन(भाषा विज्ञान)

‘गुलमोहर’ सांझा काव्य-संकलन,

‘अस्त्र’ गृह-पत्रिका का संपादन,

रक्षा-शब्दावली (शब्दकोश) का संपादन.

काव्य धारा द्वारा प्रकाशित ‘एक कदम और’ सांझा-संकलन में कविताएँ प्रकाशित.


सम्मान/पुरस्कार – ‘विद्या- वाचस्पति’ विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर

(बिहार)(2012) ‘विद्या-सागर’ विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर

(2018) ‘भाषा-समन्वयक’सम्मान अंतरा-शब्दशक्ति(2019) ‘काव्य-रथी’

(काव्यधारा प्रकाशन)(2020) ‘राजभाषा पुरस्कार’ डीआरडीएल (रक्षा


मंत्रालय)

आपकी काव्य यात्रा-

कविता लेखन के मेरे मुख्य प्रेरणा स्रोत मेरे पिताजी श्री राजनाथ पांडेय हैं जो बहुत अच्छे कवि हैं और उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारी कविताएं लिखी हैं। माँ लोकगीतों में निपुण थीं सो मेरा रुझान लोकगीत लेखन व गायन में भी रहा। मुझे याद है कि पांच-छह साल की उम्र से ही मुझे कविताओं में बड़ी रुचि थी। मैं पाठ्य पुस्तकों के पाठ कम पढ़ती, पर हिंदी और अंग्रेजी की सभी कविताएं लयबद्ध कंठस्थ कर लेती थी। मां बताती है कि मैं दिन भर कविताओं को ऊँचे स्वर में गाती रहती थी। छोटी थी तो सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताएँ, फिर रामधारी सिंह दिनकर की कविताएँ कविताएं फिर गुलजार की शेरो शायरी अच्छी लगने लगी। पुरानी हिंदी फिल्मों की गजलें और गीत सुनना अच्छा लगता है।


गीत, ग़ज़ल, माहिया, कविता, लोक-गीत आदि थोड़ा-बहुत लिखती व गाती हूँ। भोजपुरी और हिंदी में लिखना पसंद है।


गीतिका💐


मोहिनी एक बंसी बजा दीजिए

प्यार है आप को यह जता दीजिए


ज़िंदगी से परेशान फिरते है हम

कंस अपने जहाँ से मिटा दीजिए


मान ऊँचा रहे दोस्ती का सदा

इक सुदामा सा साथी बता दीजिए


प्यार जैसा लुटाया था मीरा पे तब

प्यार वैसा ही मुझ पर लुटा दीजिए


गोपियाँ है यहीं राधिका भी यहीं

रासलीला हे माधव रचा दीजिए


आज मानव गुनाहों मे डूबा हुआ

चक्र अपना कभी तो चला दीजिए


आज अर्जुन नहीं, ‘अर्चना ‘ है व्यथित

ज्ञान गीता का मुझको सुना दीजिए


डॉ अर्चना पाण्डेय


गांव देहात की खबर शहर पर भी नजर

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धरती मेरे देश की

In "साहित्य"

साहित्यिक परिचय : अंकुर सिंह

In "साहित्य"

साहित्यिक परिचय : डा.अर्चना पाण्डेय

In "साहित्य"

Posted bythegramtoday25/02/2021Posted inसाहित्य

thegramtoday द्वारा प्रकाशित

समूह सम्पदाक शिवेश्वर दत्त पांडेय मुख्य सम्पदाक सुभाष चंद पांडेय समन्वय सम्पादक बिमलेन्दु भूषण पाण्डेय सम्पादक बिहार मिर शहनवाज 71बल्लूपुर देहरादून उत्तराखण्ड248001


विशेष रिपोर्ट यहाँ देखी जा सकती है 

कतरन 47 : शायरी के ज़रिए समाज में इन्क़लाब बरपा करने की ज़रूरत --एक विचार गोष्ठी में भाग लेते हुए


शायरी के ज़रिए समाज में इन्क़लाब बरपा करने की ज़रूरत --एक विचार गोष्ठी में भाग लेते हुए--डा0 अर्चना पांडेय

एक रिपोर्ट
 

सोमवार, 15 फ़रवरी 2021

कतरन 44 : महादेवी का साहित्य : कथ्य और शिल्प : आनलाइन वार्ता में भाग लेते हुए




14-फ़रवरी ,हिंदी साहित्य भारती की तेलंगान इकाई द्वारा आयोजित [वार्ता रिपोर्ट]

 महादेवी का साहित्य : कथ्य और शिल्प : आनलाइन वार्ता में भाग लेते हुए ।

-डा0 अर्चना पांडेय-

बुधवार, 10 फ़रवरी 2021

कतरन 43 : दैनिक जागरण [ 09-फ़रवरी 2021] अंक में प्रकाशित एक गीत


 माघ माह के गंगा-स्नान के पावन पर्व पर 
डा- अर्चना पांडेय का एक गीत --दैनिक जागरण [ प्रयाग से ] अंक 09-फ़रवरी-2021 -प्रकाशित