आकाशवाणी हैदराबाद में देशभक्ति पर आधारित कवि सम्मेलन के एक कार्यक्र्म का संचालन करतीं
डा0 अर्चना पाण्डेय
डा0 अर्चना पाण्डेय
--डा0 अर्चना पाण्डेय
इन कार्यक्रमों को आप यहाँ भी देख सकते है
https://youtu.be/QAjlUjhUB-U
https://youtu.be/QAjlUjhUB-U
https://youtu.be/QzaiSq6hlK0
इन लिंक पर एक बार अवश्य पधारें ---सादर
क़िस्त 44
[ आज़ादी के अमृत महोत्सव 2022 के शुभ अवसर पर ]- डा0 अर्चना पाण्डेय ]
तुम भूल नहीं जाना
वीर शहीदों को
कुछ पुष्प चढ़ा जाना
डिग जाए जग सारा
तुम न डिगो सच से
रस्ता ये बड़ा प्यारा
हर घर फहरे झंडा
जोश रहे दिल में
यह जोश न हो ठंडा
यह सबको ध्यान रहे
झंडा हो ऊँचा
झंडे का मान रहे
अम्बर हरषाता है
वीरों पर वो भी
नेमत बरसाता है
जय हिंद का नारा है
केसरिया मेरा
इस जग से न्यारा है
डा0 अर्चना पाण्डेय---
टेन न्यूज़ लाइव | महिला काव्य मंच
सोमवार , 25 जुलाई 2022
साँय 7 से
*कारगिल विजय दिवस के पूर्व संध्या पर : साहित्यिक सलाम *
सान्निध्य: नरेश नाज
संस्थापक , महिला काव्य मंच
अध्यक्षता:
नीतू सिंह राय
ग्लोबल प्रेसिडेंट ,
महिला काव्य मंच
आमंत्रित कवयित्रियाँ:
संचालन:* ऋतंधरा मिश्रा प्रयागराज
1-स्मृति त्रिवेदी [दोहा , कतर से ]
2-डॉ अर्चना पाण्डेय { हैदराबाद से}
3-श्वेता सिंह उमा {मास्को, रूस से}
सुषमा शर्मा
मेरठ
लाइव शो -देखने के लिए नीचे क्लिक करें
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सादर,
&
महिला काव्य मंच (रजि.)
क़िस्त 43
1
यह साथ हमारा है
छूट नहीं सकता
जो हाथ तुम्हारा है
2
क्या ख़ूब नहाना है
प्यार की गंगा में
बस प्यार लुटाना है
3
जीवन की अभिलाषा
होती कब पूरी
फिर भी तो है आशा
4
कैसा यह मंज़र है
बातें मीठी हैं
हाथों में ख़ंज़र है
5
ये बात पुरानी है
सुन रख्खे हम ने
राजा है रानी है
6
मीठे कुछ राग भरो
बासंती ऋतु है
जीवन में फ़ाग भरो
डा0
अर्चना पाण्डेय
क़िस्त 42
1
यादों में बसे हो तुम
ढूँढ रही तुम को
रहते हो कहाँ पर गुम
2
घूँघट में छुपा लेते
चेहरा हम अपना
दर्शन तो नहीं देते
3
हम मान लिए ग़लती
ऐसी साइत तो
हर बार नहीं मिलती
4
हर बात ज़फ़ाओं की
याद हमे रहती
हर बात दुआओं की
5
ता उम्र दुआ देंगे
साथ हमें ले लो
हर ग़म को भुला देंगे
डा0 अर्चना पाण्डेय [
पितृ दिवस के अवसर पर बरसे काव्य के विविध रंग
अंतरराष्ट्रीय महिला काव्य मंच चेन्नई इकाई (तमिलनाडु इकाई) की काव्य गोष्ठी रविवार 19 जून 2022 4:00 बजे से प्रारंभ होकर 5:30 को बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में डिजिटल के माध्यम से संपन्न हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता चेन्नई इकाई की उपाध्यक्ष डॉ. रविता भाटिया जी ने एवं आज की मुख्य अतिथि रही तेलंगाना महिला काव्य मंच की अध्यक्ष डॉ. अर्चना पाण्डेय जी, धन्यवाद ज्ञापन आदरणीया शोभा चोरड़िया जी ने, मंच संचालन सरला 'सरल' एवं सरस्वती वंदना आदरणीया नलिनी शर्मा 'कृष्ण' जी ने प्रस्तुत की।
भाग लेने वाली कवयित्रियाँ इस प्रकार हैं- डॉ. मंजु रुस्तगी जी, डॉ. अर्चना पाण्डेय जी, डॉ. रविता भाटिया जी, आदरणीया शोभा चोरड़िया जी, डॉ. सरोज सिंह जी, डॉ. मिथिलेश सिंह जी, आदरणीया नलिनी शर्मा 'कृष्ण' जी, डॉ. सुजाता गुप्ता जी, डॉ. अल्पना सिंह जी, आदरणीया नीलावती जी, आदरणीया रीना चौधरी जी, आदरणीया रंजना वर्मा जी, डॉ. विद्या शर्मा जी, आदरणीया रमा कुवंर जी, आदरणीया उषा टिबड़ेवाल 'विद्या' जी, डॉ. राजलक्ष्मी कृष्णन जी, आदरणीया चंद्रा गंगवार जी, आदरणीया सरला 'सरल' जी कुल मिलाकर 18 कवयित्रियों ने भाग लिया।
किस्त 41
1
आंखों के तारे हो
तुम ही तो मेरे
जीने के सहारे हो
2
क्या रूप सलोना था !
दिल बहला मेरा
क्या खूब खिलौना था
3
दिल तुम पर दीवाना
सीख लिया हमने
हमदम ! अब इतराना
4
तुमको था बतलाना
तुम ने सुना ही नहीं
अब क्या है जतलाना ?
5
पाया है तुम्हे खो कर
दुनिया से तो बस
मिलता ही रहा ठोकर
-डा0 अर्चना पाण्डेय –
क़िस्त 40
1
बरसों से क्या जाना
कुछ भी नहीं समझा
अब तक था अनजाना
2
तनहाई पीना है
हमको तो साक़ी
प्यासा ही जीना है
3
कैसा यह प्याला है
मन ही नहीं भरता
कैसी मधुशाला है ?
4
तुम हमसे जो रूठे
जग रूठा हमसे
सब रिश्ते हैं झूठे
5
वो प्यार नहीं होता
जब न कभी कोई
तकरार नहीं होता
डा0 अर्चना पाण्डेय
क़िस्त 39
1
वो प्यार नहीं पलता
अपनापन ना हो
जीवन में नहीं ढलता
2
दिल प्यार से भर आया
कह न सकी तुम से
जब तुम ने ठुकराया
3
किस राह से चल आऊँ
तुम ही बता देते
मैं तुमको पा जाऊँ
4
वह मन के अन्दर है
ढूँढो तो पाओ
मन एक समन्दर है
5
तनहाई की रातें
यादों में केवल
होती उनसे बातें
डा0 अर्चना पाण्डेय
क़िस्त 38
1
आजा मेरे मोहन
रास रचा ऐसा
यह झूम उठे मधुबन
2
कोयल मारे ताना
ओ मेरे जानम !
अब तुमको है आना
3
जीवन को सजाना है
प्यार तेरा ऐसा
अनमोल खज़ाना है
4
मत पूछो है कैसी
प्रीति हमारी है
बासंती रंग जैसी ?
5
आना था बता देते
रंगोली से हम
आँगन तो सजा लेते
डा0 अर्चना पाण्डेय
एक ग़ज़ल
22--22--22--22-22--2
डॉ अर्चना पाण्डेय
किस्त 37
1
माथे
पर चंदन है
फूलों
की थाली
सादर
अभिनंदन है
2
अभिनंदन
वंदन है
दिल
में आ जाओ
यह
दिल का बंधन है
3
हर
पल यह तन-मन-धन
तुझको
अर्पण है
मेरा
सारा जीवन
4
हम
द्वार खड़े तेरे
5
यह
स्नेह नहीं टूटे
जग
क्या करना
जग
छूटे तो छूटे
डा0 अर्चना
पाण्डेय
हिंदी व भोजपुरी की प्रसिद्ध कवयित्री डॉ अर्चना पाण्डेय को “भारत गौरव” उपाधि से सम्मानित किया गया है। यह उपाधि उनको विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, बिहार द्वारा प्रदान की गई है। डॉ अर्चना पाण्डेय को यह उपाधि उनकी सुदीर्घ हिंदी-सेवा, सारस्वत साधना, कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियों, शैक्षिक प्रदेयों, शोध कार्य तथा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में प्रतिष्ठा के आधार पर दी गई है।
विशेष विवरण के लिए नीचे ’क्लिक’ करें
क़िस्त
36
1
चेहरे
पर लाली है
दो
नैना लगते
अमृत
की प्याली है
2
क्या
रूप सलोना है
बहलाता
दिल को
ज्यों
एक खिलौना है
3
हमको
तो खो जाना
प्यार
के सागर में
बस तेरा
हो जाना
4
अरमानों
का घर हो
तेरे
काँधे पर
मेरा
अपना सर हो
डा0
अर्चना पाण्डेय
क़िस्त 35
1
दिल तुझ पर वारा है
और नहीं कोई
बस तू ही सहारा है
2
कोई भी नहीं भाता
जाने क्यों मुझको
बस याद तू ही आता
3
होती है जब अनबन
तुम बिन सब सूना
कैसा यह अपनापन
4
यह प्यार तुम्हारा है
सागर में जैसे
तिनके का सहारा है
5
हम ऐसे मतवाले
प्यार किया तुमसे
हम ऐसे दिलवाले
डा0 अर्चना पाण्डेय