क़िस्त 44
[ आज़ादी के अमृत महोत्सव 2022 के शुभ अवसर पर ]- डा0 अर्चना पाण्डेय ]
तुम भूल नहीं जाना
वीर शहीदों को
कुछ पुष्प चढ़ा जाना
डिग जाए जग सारा
तुम न डिगो सच से
रस्ता ये बड़ा प्यारा
हर घर फहरे झंडा
जोश रहे दिल में
यह जोश न हो ठंडा
यह सबको ध्यान रहे
झंडा हो ऊँचा
झंडे का मान रहे
अम्बर हरषाता है
वीरों पर वो भी
नेमत बरसाता है
जय हिंद का नारा है
केसरिया मेरा
इस जग से न्यारा है
डा0 अर्चना पाण्डेय---
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