गुरुवार, 26 नवंबर 2020

वीडियो 18 : एक गीत इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के सन्दर्भ में [ भोजपुरी में ]





लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के एक लोकप्रिय गीत के प्रत्युत्तर में - डा0 अर्चना पांडेय का एक ’सकारात्मक: गीत  उन्हीं के स्वर में -

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के सन्दर्भ में- [ भोजपुरी में ]-- सुने 





 



1----यह गीत आप यहाँ भी सुन सकते है 

https://www.facebook.com/AubeatMedia/


2----यह गीत आप यहाँ भी सुन सकते हैं

खाँटी भोजपुरिया

https://fb.watch/1-gfjuy9yO/


गुरुवार, 19 नवंबर 2020

वीडियो 17 : एक भोजपुरी गीत [ छठ के अवसर पर ]

 


छठ के अवसर पर एक भोजपुरी गीत 

डा- अर्चना पांडेय के स्वर में 


वीडियो 16 : एक भोजपुरी गीत [ छठ के अवसर पर]


 

छठ के अवसर पर एक भोजपुरी गीत 

डा0 अर्चना पांडेय के स्वर में 

वीडियो 15 : एक भोजपुरी गीत [ छठ के अवसर पर ]


 छठ के अवसर पर एक भोजपुरी गीत

डा0 अर्चना पांडेय के स्वर में 

वीडियो 14 : एक भोजपुरी गीत [ छठ के अवसर पर]

 

छठ के अवसर पर भोजपुरी गीत--डा0 अर्चना पांडेय के स्वर में 
 
 

सोमवार, 16 नवंबर 2020

वीडियो 13 : एक भोजपुरी लोकगीत [ छठ के अवसर पर]

 


डा0 अर्चना पांडेय द्वारा  छठ के अवसर पर गाया गया एक भोजपुरी  लोकगीत

वीडियो 12: एक भोजपुरी लोकगीत [ गोधन के अवसर पर]


 गोधन के अवसर पर एक भोजपुरी  लोकगीत 

डा0 अर्चना पांडेय के स्वर में 

वीडियो 11: भोजपुरी लोकगीत [गारी विवाह के अवसर पर]


 विवाह के अवसर पर गाया जाने वाला --

एक भोजपुरी लोकगीत [ गारी

डा0 अर्चना पांडेय के स्वर में 

वीडियो 10 : भोजपुरी लोकगीत [छठ के अवसर पर ]


"छठ" पर्व पर गाया जाने वाला एक  भोजपुरी लोकगीत 

डा0 अर्चना पांडेय के स्वर में--


शुक्रवार, 13 नवंबर 2020

वीडियो 09 : दीपावली पर एक भोजपुरी गीत

 


दीपावली पर एक भोजपुरी गीत ---अपने स्वर में 

-डा0 अर्चना पांडेय-

वीडियो 08 : एक भोजपुरी गीत दीपावली पर


दीपावली पर एक भोजपुरी गीत ---अपने स्वर में 

-डा0 अर्चना पांडेय 

 

वीडियो 07 : एक गीत दीपावली पर


दीपावली [2020 ] पर अपना एक गीत --अपने स्वर में 

चलो प्यार का एक दीपक जलाएँ

बरस बाद आई है फिर से दिवाली 
चलो प्यार का एक दीपक जलाएं 

सभी की खुशी के लिए हम जिए हैं
 सुधा और विष के भी प्याले पिए हैं 
बची चार दिन की है जो जिंदगानी 
उसी में से अपने लिए पल चुराएँ

  सनम मेरे बालों में गजरा सजा दो
 यह पूजा की थाली जरा तुम  उठा दो
मुंडेरों पे दीपक सजाकर ऐ हमदम 
चलो दीप की रोशनी में नहाएँ

 खुशी बाँट दो तुम मिठाई से पहले 
 रहे ना उदासी, हों चेहरे रुपहले 
 दिवाली में सब को गले से लगा कर
 सभी के लबों पर हँसी हम सजाएँ

 मेरी जिंदगी को तुम्हीं ने संवारा 
न था साथ कोई तुम्हीं ने निखारा
 करूं शुक्रिया आज फिर से तुम्हारा 
पुराने दिनों में चलो लौट जाएँ

बरस बाद आई है फिर से दिवाली 
चलो प्यार का एक दीपक जलाएँ

डॉ अर्चना पाण्डेय


 

एक गीत : दीपावली पर

 एक गीत : दीपावली पर 



बरस बाद आई है फिर से दिवाली 

चलो प्यार का एक दीपक जलाएं 


सभी की खुशी के लिए हम जिए हैं

 सुधा और विष के भी प्याले पिए हैं 

बची चार दिन की है जो जिंदगानी 

उसी में से अपने लिए पल चुराएँ


  सनम मेरे बालों में गजरा सजा दो

 यह पूजा की थाली जरा तुम  उठा दो

मुंडेरों पे दीपक सजाकर ऐ हमदम 

चलो दीप की रोशनी में नहाएँ


 खुशी बाँट दो तुम मिठाई से पहले 

 रहे ना उदासी, हों चेहरे रुपहले 

 दिवाली में सब को गले से लगा कर

 सभी के लबों पर हँसी हम सजाएँ


 मेरी जिंदगी को तुम्हीं ने संवारा 

न था साथ कोई तुम्हीं ने निखारा

 करूं शुक्रिया आज फिर से तुम्हारा 

पुराने दिनों में चलो लौट जाएँ


बरस बाद आई है फिर से दिवाली 

चलो प्यार का एक दीपक जलाएँ


डॉ अर्चना पाण्डेय

सोमवार, 2 नवंबर 2020

ग़ज़ल 025 : तुमने भी क्या ऐसा मंज़र---

एक ग़ज़ल : तुमने भी क्या ऐसा मंज़र ---- 

तुमने भी क्या ऐसा मंज़र देखा है ?
 मैंने घुटना टेक सिकंदर देखा है 

 कैसे करूं भरोसा आज जमाने पर
 मुंह में राम बगल में ख़ंजर देखा है

गोरे लोगों से ही प्यार नहीं करना
 बदसूरत का दिल भी सुंदर देखा है 

खुश मत होना फूलों के बागानों में
 मुरझाई कलियों का मंजर देखा है 

अच्छा बोलो, सुनो, कहो सब कहते हैं 
पर क्या ऐसा होते तुमने देखा है

बाहर से तो सारे अच्छे लगते हैं
पर मैंने मन के भी अंदर देखा है


डॉ अर्चना पाण्डेय