बुधवार, 27 जुलाई 2022

गीत 002 : गंगा की लहरों-सा पावन ----[15-अगस्त 2022 ] पर एक गीत

 
एक गीत

गंगा की लहरो- सा पावन मेरा झंडा न्यारा
हर-घर की छत पर लहराए अमर तिरंगा प्यारा
 
झंडे का सम्मान करें हम     
राष्ट्रगान का मान करें हम
झंडा वंदन करें कभी जब
इस प्रतीक का ध्यान करें हम।
 
झंडा यह अनमोल हमारा, आँखों का है तारा
हर-घर की छत पर लहराए अमर तिरंगा प्यारा
 
खुशहाली का सार है झंडा   
समृद्धि का द्वार है झंडा
प्रेम भाव का जन जन मन में
करता यह संचार है झंडा
 
चमके भूमंडल पर हरदम जैसे हो ध्रुव-तारा
हर-घर की छत पर लहराए अमर तिरंगा प्यारा
 
इसको बस कपड़ा ना जानो
कपड़े का टुकड़ा ना मानो
देश की ताकत को बतलाता
ताकत तुम  इसकी पहचानो।
 
त्याग, प्रेम, बलिदान का पोषक केसरिया है न्यारा
हर-घर की छत पर लहराए अमर तिरंगा प्यारा
 
सेना का उत्साह बढ़ाता
देश प्रेम का भाव जगाता
शान हमारी भारत माँ का
शान्ति-दूत बन कर लहराता
 
संविधान का रक्षक बन कर देता हमे सहारा
हर-घर की छत पर लहराए अमर तिरंगा प्यारा
 
डा0 अर्चना पाण्डेय

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