रविवार, 5 जून 2022

माहिए : किस्त 37

 

किस्त 37

1

माथे पर चंदन है

फूलों की थाली

सादर अभिनंदन है

2

अभिनंदन वंदन है

दिल में आ जाओ

यह दिल का बंधन है

3

हर पल यह तन-मन-धन

तुझको अर्पण है

मेरा सारा जीवन

4

हम द्वार खड़े तेरे

शरण हमें देना
हारे जग के फेरे

5

यह स्नेह नहीं टूटे

जग क्या करना

जग छूटे तो छूटे

 

डा0 अर्चना पाण्डेय

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