क़िस्त 39
1
वो प्यार नहीं पलता
अपनापन ना हो
जीवन में नहीं ढलता
2
दिल प्यार से भर आया
कह न सकी तुम से
जब तुम ने ठुकराया
3
किस राह से चल आऊँ
तुम ही बता देते
मैं तुमको पा जाऊँ
4
वह मन के अन्दर है
ढूँढो तो पाओ
मन एक समन्दर है
5
तनहाई की रातें
यादों में केवल
होती उनसे बातें
डा0 अर्चना पाण्डेय
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