रविवार, 12 जून 2022

माहिए : क़िस्त 39

क़िस्त 39

 

1

वो प्यार नहीं पलता

अपनापन ना हो

जीवन में नहीं ढलता

 

2

दिल प्यार से भर आया

कह न सकी  तुम से

जब तुम ने ठुकराया

 

3

किस राह से चल  आऊँ

तुम ही बता देते

मैं तुमको पा जाऊँ

 

4

वह मन के अन्दर है

ढूँढो तो पाओ

मन एक समन्दर है

 

5

 तनहाई की रातें

यादों में केवल

होती  उनसे बातें

 

डा0 अर्चना पाण्डेय

 


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