क़िस्त 38
1
आजा मेरे मोहन
रास रचा ऐसा
यह झूम उठे मधुबन
2
कोयल मारे ताना
ओ मेरे जानम !
अब तुमको है आना
3
जीवन को सजाना है
प्यार तेरा ऐसा
अनमोल खज़ाना है
4
मत पूछो है कैसी
प्रीति हमारी है
बासंती रंग जैसी ?
5
आना था बता देते
रंगोली से हम
आँगन तो सजा लेते
डा0 अर्चना पाण्डेय
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