गुरुवार, 9 जून 2022

माहिए : क़िस्त 38

 

क़िस्त 38


1

आजा मेरे मोहन

रास रचा ऐसा

यह झूम उठे मधुबन

2

कोयल मारे ताना

ओ मेरे जानम !

अब तुमको है आना

3

जीवन को सजाना है

प्यार तेरा ऐसा

अनमोल खज़ाना है

4

मत पूछो है कैसी

प्रीति हमारी है

बासंती रंग जैसी ?

5

आना था बता देते

रंगोली से हम

आँगन तो सजा लेते

 

डा0 अर्चना पाण्डेय

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