बुधवार, 22 जून 2022

माहिए : क़िस्त 42

  क़िस्त 42

1

यादों में बसे हो तुम

ढूँढ रही तुम को

रहते हो कहाँ पर गुम

 

2

घूँघट में छुपा लेते

चेहरा हम अपना

दर्शन तो नहीं देते


3

हम मान लिए  ग़लती

ऐसी साइत तो

हर बार नहीं मिलती


4

हर बात ज़फ़ाओं की

याद हमे रहती

हर बात दुआओं की


5

ता उम्र दुआ देंगे

साथ हमें ले लो

हर ग़म को भुला देंगे

 

डा0 अर्चना पाण्डेय [ 

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