सोमवार, 16 मई 2022

माहिए : किस्त 35

 

 

क़िस्त 35

1

दिल तुझ पर वारा है

और नहीं कोई

बस तू ही सहारा है

 

2

कोई भी नहीं भाता

जाने क्यों मुझको

बस याद  तू ही आता

 

3

होती है जब अनबन

तुम बिन सब सूना

कैसा यह अपनापन

 

4

यह प्यार तुम्हारा है

सागर में जैसे

तिनके का सहारा है

 

5

हम ऐसे मतवाले

प्यार किया तुमसे

हम ऐसे दिलवाले

 

डा0 अर्चना पाण्डेय

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