क़िस्त 35
1
दिल तुझ पर वारा है
और नहीं कोई
बस तू ही सहारा है
2
कोई भी नहीं भाता
जाने क्यों मुझको
बस याद तू ही आता
3
होती है जब अनबन
तुम बिन सब सूना
कैसा यह अपनापन
4
यह प्यार तुम्हारा है
सागर में जैसे
तिनके का सहारा है
5
हम ऐसे मतवाले
प्यार किया तुमसे
हम ऐसे दिलवाले
डा0 अर्चना पाण्डेय
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