रविवार, 8 मई 2022

माहिए 33

 

क़िस्त 33

1

महका सा चंदन है

पास जो तुम होते

खिल जाता तन मन है।

2

मेरे होकर रहना

कह दो ना तुम भी

जो तुमको है कहना।

3

मन ही मन में पाया

साथी तुम मेरे

रहना बन कर छाया

4

क्यों हम पे मरते हो

कह दो ना इतना

तुम प्यार भी करते हो।

5

संग तेरे जीना है

 तू ही मेरा काबा

 तू मेरा मदीना है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें