रविवार, 8 मई 2022

माहिए 21

 

क़िस्त 21

 

1

कान्हा का साथ रहे

मांग रही राधा

जीवन में स्नेह बहे

 

2

जब मन रँग जाता है

 प्रीत की वर्षा से

जीवन रँग जाता है

 

3

मेरे मन के अंदर

खोज रहे हो क्या

सीपी कंकड़ पत्थर ?

 

4

मुँह कितना मोड़ोगे

तुमसे जुड़ा है दिल

तुम  कितना तोड़ोगे ?

 

5

ये प्यार हमारा है

मरने ना देगा

जीने का सहारा है

 

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