सोमवार, 16 मई 2022

माहिए : क़िस्त 34

 

 

क़िस्त 34

1

क्या नेक इरादे थे

भूल गए क्यों तुम

जो क़समें वादे थे

 

2

जब तुमको जाना था

केवल बातों से

क्या दिल बहलाना था ?

 

3

आँखे यह तरसती हैं

तुमसे मिलने को

रह रह के बरसती है

 

4

दिल के गलियारे में

होती है चर्चा

बस तेरे बारे में

5

जब तुमको नहीं पाता

दिल अपने घर में
हर पल है घबराता

 

डा0 अर्चना पाण्डेय

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें