सोमवार, 16 मई 2022

माहिए : क़िस्त 36

 

क़िस्त 36

1

चेहरे पर लाली है

दो नैना लगते

अमृत की प्याली है

 

2

क्या रूप सलोना है

बहलाता दिल को

ज्यों एक खिलौना है

 

3

हमको तो खो जाना

प्यार के सागर में

बस तेरा हो जाना

 

4

अरमानों का घर हो

तेरे काँधे पर

मेरा  अपना सर हो

 

डा0 अर्चना पाण्डेय

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