रविवार, 8 मई 2022

माहिए 23

 

क़िस्त 23

1

 कुछ प्यार जताना था

मिलने न आए तुम

मौसम भी सुहाना था

2

चढ़ती है जवानी जब

आग लगाता है

ठंडा भी पानी तब

3

इस प्यार की नगरी में

बाँध लिया तुमको

इक प्रेम की गठरी में

4

साथी जो मिला होता

प्रेम के दरिया में

इक फूल खिला होता

5

तेरे संग बातों में

कट जाता है दिन

रातें इन आँखों में

 

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