क़िस्त 31
1
तुमने तो छुपाया है
लेकिन मैने तो
सब कुछ ही बताया है।
2
होगी ये मेहरबानी
आन मिलो तुम तो
बदले ये ज़िंदगानी।
3
दिल हार नहीं सकता
जीने की खातिर
मन मार नहीं सकता।
4
खुशियों का मेला है
वैसे तो जीवन का
हर रोज झमेला है।
5
आँखों ही आँखों में
बातें होती है
हर रात भी ख्वाबों में
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