रविवार, 8 मई 2022

माहिए 27

 

क़िस्त 27

 

1

दिल खोया रहता है

यादों में तेरी

जाने क्या कहता है।

 

2

यादों का सहारा है

जीवन में  मेरे

जैसे कि किनारा है।

3

यादों का दरिया है

जी लेंगे हम भी

जीने का जरिया है।

4

पावन मेरा जीवन

मथुरा, काशी सा

घर भी है वृंदावन।

5

फ़ूलों सा अपना मन

महका करता है

जैसे महके गुलशन

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