किस्त 22
1
सागर से है गहरा
प्यार मेरा हमदम
माथे पर ज्यों सहरा
2
मेरी ही किताबों मे
ख़त क्यों छुपाए तुम
क्या देखा ख़ाबों में ?
3
वादा कर जाते हो
राह ज़रा मुश्किल
क्यों बाँह छुड़ाते हो
:
4
तुम पर हम मरते हैं
जाने क्यों तुमको
खोने से डरते हैं
:
5
गलियों में छुप छुप कर
आहट सुनती हूँ
तेरी मैं रुक रुक
कर
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