क़िस्त 05
1
पल पल कैसे बीता
तेरे बिन जीवन
लगता है सब रीता
3
जीवन
भर चलते हैं
प्यार
भरे रिश्ते
मन
से न निकलते हैं
3
बातें
उन यारोँ की
कैसे
भुलाओगे
चेहरे
उन सारों की ?
4
जो
साथ सदा दुख में
भूल
न जाना तुम
उनको अपने सुख में
5
क्या
बात छुपाए हो
कह
देंगी आँखें
जो
दिल में दबाए हो
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