क़िस्त 08
1
देखो अलमारी में
बचपन की गुडिया
खोई किलकारी में
2
बदरी
क्यों बरसती है
प्यार नहीं मुझको
ना आंख तरसती है
3
हम भूल गए कब के
याद नहीं कुछ भी
क्या हम भी झूले थे
4
क्यों शोर मचाती हो
बरखा की बूंदों
आंगन ये भिगोती हो
5
कोई न यहाँ रहता
ढूंढ रहा किसको
तू किससे क्या कहता
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