कविता--गीत--ग़ज़ल--माहिया-- और मेरी अन्य रचनाएँ
किस्त 13
1
तोड़ो मत इस दिल को
नाजुक इतना है
छूने दो मंजिल को।
2
जाएंगे महफिल में
झूमें - नाचेंगे
मस्ती है दिल में।
3
पत्थर भी पिघलेगा
हिम्मत मत हारो
ये किस्मत बदलेगा।
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