क़िस्त 10 [ भोजपुरी ]
1
मत प्यार जगावा तू,
उड़ जइबा इक दिन,
मत बात बनावा तू ।
2
बिसरे
न तोहर बतिया,
बसलऽ विदेसवा तू,
काटे न कटे रतिया।
3
केकरा
से बताइब हम,
के समझी हम के ,
केकरा
से छुपाइब हम।
4
हम
नेह लगा लिहनी,
रऊआ कइसन ई,
इक
रोग लगा दिहनी।
5
अँखियन से नीर बहे,
अइसन लाचारी,
हिरदय सब पीर बहे।
सं 27/4
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें