ग़ज़ल 29 : मेरे लिए ही गीत ---
221---2121---1221---212
मौसम बहार का हो तो गाती
है ज़िन्दगी
मिलती है दोस्तों से मिलाती है जिंदगी ।
सब लोग अपनी अपनी
सुनाएँगे जब तुम्हें
सुनना वही जो तुमको
सुनाती है ज़िन्दगी
इस भाग-दौड़ में न कभी
चैन मिल सका
गिरती कभी है और गिराती
है ज़िन्दगी
मायूस हो के जब कभी यह टूटता है दिल
तब हौसला जिगर में जगाती
है ज़िन्दगी
जीवन की राह में कभी जो
अन्धकार हो
तब राह में चराग जलाती
है ज़िन्दगी
मासूम सी लगी कभी आसान
सी दिखी
हर मोड़ अपना रंग दिखाती
है जिंदगी
आएँगे रास्ते में कई मोड़
’अर्चना’
हर मोड़ अपना रंग दिखाती
है ज़िन्दगी
सं 07-05-21
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