क़िस्त 12
1
भौंरे मदमाते हैं
ये मुस्काते हैं
फूलों पर गाते हैं।
2
लगता है क्यों हर पल
संकट में बस हम
मुझको दे कोई
बल।-
3
सुख - दुख ही जीवन है
आता जाता है
मेरा दिल उपवन
है।
4
जलता है जलने
दो
किस्मत को मेरे
छलता है छलने
दो।
5
बंधन है रिश्तों
का
छुपके क्या मिलना
ये प्यार फरिश्तों
का।
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