गुरुवार, 20 मई 2021

माहिए 012

 

क़िस्त 12

1

भौंरे  मदमाते  हैं

ये मुस्काते हैं

फूलों पर गाते हैं।

 

2

लगता है क्यों हर पल

संकट में बस हम

मुझको  दे  कोई  बल।-

 

3

सुख - दुख ही जीवन है

आता जाता है

मेरा   दिल   उपवन   है।

 

4

जलता   है   जलने   दो

किस्मत  को मेरे

छलता    है   छलने   दो।

 

5

बंधन    है    रिश्तों   का

छुपके क्या मिलना

ये   प्यार   फरिश्तों   का।

 


 

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