क़िस्त 09
1
जो दिल से उतर जाए
कोशिश हो जितनी
नज़रों में = न चढ़ पाए
2
क्या
शाम थी मतवाली
बीच
में दोनों के
इक
चाय की थी प्याली
4
मुख
से आँचल जो हटा
नूर
तेरा ऐसा
चन्दा
का मान घटा
5
मन में न छुपाया कर
प्यार भरी बातें
मुझको भी सुनाया कर
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