ग़ज़ल 16 : हैदराबाद की कहानी है
यूँ तो तसवीर यह पुरानी है 1
अब भी ज़िन्दा है हुस्न-ए-‘भागमती’
नरगिसी प्यार की निशानी है 2
‘चारमीनार’ शान है इसका
यह भी तारीख़ की निशानी है 4
मौज़ें गाती ‘हुसेन
सागर’ की
क्या तरन्नुम है ! क्या रवानी
है 5
"बुद्ध की मूर्ति" कह रही सबसे
जो नसीहत है आज़मानी है 6
शान-ए-दक्कन जिसे कहे दुनिया
आज इसका न कोई सानी है 7
हैदराबाद कि ये ‘बिरयानी’-
हुस्न-ए-लज़्ज़त भी जानी मानी है 8
नाम-ए-‘उसमानियाँ’ सुना होगा
मरकज़-ए-इल्म की निशानी है 9
बात उर्दू ज़बान दक्कन की
कितनी शीरी है गुलफ़सानी है 10
‘गोलकुंडा’ के पत्थरों से सुना
"क़ुतुबशाही’ का दौर जुबानी है 11
आलिमों का, निज़ाम
शाही का
शह्र-ए-तहजीब ज़ाविदानी है
12
‘अर्चना’ और क्या सुना सकती?
जो सुनी है वही सुनानी है । 13
अर्चना पांडेय-
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