बुधवार, 14 अक्तूबर 2020

ग़ज़ल 016

 

ग़ज़ल 16 : हैदराबाद की कहानी है

 हैदराबाद’ की कहानी है

यूँ तो तसवीर यह पुरानी है        1

 

अब भी ज़िन्दा है हुस्न-ए-भागमती’

नरगिसी प्यार की निशानी  है      2

 

चारमीनार’ शान है इसका

यह भी तारीख़ की निशानी है 4

 

मौज़ें गाती हुसेन सागर’ की

क्या तरन्नुम है ! क्या रवानी  है   5

 

"बुद्ध की मूर्ति" कह रही सबसे

जो नसीहत है आज़मानी  है       6

 

शान-ए-दक्कन जिसे कहे दुनिया

आज इसका न कोई सानी है 7

 

हैदराबाद कि ये बिरयानी’-

हुस्न-ए-लज़्ज़त भी जानी मानी है   8

 

नाम-ए-उसमानियाँ’ सुना होगा

मरकज़-ए-इल्म की निशानी है 9

 

बात उर्दू ज़बान दक्कन की

कितनी शीरी है गुलफ़सानी है 10

 

गोलकुंडा’ के पत्थरों से सुना

"क़ुतुबशाही’ का दौर जुबानी है 11

 

आलिमों का, निज़ाम शाही का

शह्र-ए-तहजीब ज़ाविदानी है            12

 

अर्चना’ और क्या सुना सकती?

जो सुनी है वही सुनानी है ।        13

 

अर्चना पांडेय- 

 

 

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