बुधवार, 14 अक्तूबर 2020

माहिए 002

  

क़िस्त  02

 

1

मैं देख लूँ पल भर को

दिल में उतर आओ

कल चाहे नहीं आओ

 

       2

तुम ख़ुद ही समझ जाओ

छूट रहा है क्या
मुझसे नहीं कहलाओ

 

       3

क्या तुमको नहीं लगता?

प्यार का ये मौसम

रोके से नहीं रुकता

 

       4

क्यों छोड़ के जाते हो,

प्यार अगर है तो,     

क्यों प्यार छुपाते हो

 

5

आंखों के कजरे ने,

रा कई खोले,

बालों के गजरे ने


 


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