बुधवार, 14 अक्तूबर 2020

माहिए 003

 

क़िस्त 03

 

       1

नग़्मों ने, गीतों ने

मोह लिया है दिल

तेरी संगीतों ने

 

       2

आंखें जब कहती हैं

रुकती नहीं बातें

बस कहती रहती हैं

 

       3

टूटी वो डाली थी

थाम लिया तुमने

जो गिरने वाली थी

 

       4

तुम थाम लो हाथों को

भूल हुई मुझसे

भूलो उन बातों को

 

       5

बेकार की बातों से

खेल रहे हो क्यों

                         मेरी जज़्बातों से

 

 

 

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