मंगलवार, 13 अक्तूबर 2020

ग़ज़ल 003

 ग़ज़ल 003 : ऎ शहीदों याद रखेगा---

 

ऐ शहीदों याद रक्खेगा वतन 

तुमसे ही आबाद है मेरा चमन

 

भूल जाएं हम शहादत को तेरी

यह नहीं है देश का मेरे चलन

 

है बड़ा सुंदर मनोरम देश ये

क्यों पड़ोसी देश को इससे जलन

 

तुम हो प्रहरी राष्ट्र के आठों पहर

चाहे सीमा पर रहे जितनी गलन

 

गोद में माता सुलाए लाल ज्यों

तू है माता भारती का यो ललन

 

जन्म लेना तू इसी माटी में फिर

है अमर ये देश होगा फिर मिलन

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें