मंगलवार, 12 अप्रैल 2022

माहिए 19

 

क़िस्त 19

 

1

ताउम्र दुआ देंगे

साथ हमें ले लो

हर गम  भी भुला देंगे।

 

2

जीवन का सहारा है

छूट नहीं सकता

जो हाथ तुम्हारा है।

 

3

क्या और बताना है

प्यार की गंगा में

हमको तो नहाना है।

 

4

जीवन अभिलाषा है

कब होती पूरी ?

फिर भी है इक आशा

 

5

कैसा यह मंजर है

बातें हैं मीठी

हाथों में खंजर है।

 

डा0 अर्चना पाण्डेय

सं 12-04-22

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