नोट : पाठको की सुविधा के लिए देवनागरी लिप्यंतरण प्रस्तुत है
डी0आर0डी0ओ0 [ DRDO] के ज़ेर-ए-एहतमाम आलमी यौम-ए-हिंदी – मुशायरा व कवि सम्मेलन का इन्तक़ाद -हैदराबाद
15,जनवरी[ न्यूज़ फ़ेयर सर्विस] डिफ़ेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेन्ट [DRDL] के ज़ेर-ए-एहतमाम मंगल 12,जनवरी को आलमी यौम-ए-हिंदी मनाया गया। इस मौक़े पर "हिंदी हमारी पहचान है " के ज़ेर-ए-उन्वान जलसा मुन्नक़िद किया गया।
हिंदी ज़बान जो हमारी क़ौमी ज़बान है इसको तरक़्की देने का अहद किया गया। डा0 दशरथ डाइरेक्टर DRDO.कंचन बाग़ ने ’एस्ट्रानोमी किताब व सी0डी0 की रस्म अज़राइ अन्जाम दी ।इस मौक़े पर कवि सम्मेलन व मुशायरा मुन्न्क़द हुआ।
डा0 अर्चना पांडेय असिस्टेन्ट डाइरेक्टर DRDL इस कवि सम्मेलन और मुशायरा की कोआर्डिनेटर और अनाउन्सर थीं।मुशायरे में हिस्सा लेनेवालों में भंवर लाल उपाध्याय श्रीमती सुनीता लुल्ला,मुमताज़ शायरा तसनीम जौहर ,डा0 राजीव कुमार सिंह,विनोद कादियान ,मनोज कुमार ,डा0 अर्चना पांडेय शामिल है जिन्होने अपना ताज़ा कलाम सुना कर सामईन की दाद हासिल की----
शब्दार्थ
मुन्न्क़िद = आयोजित
ज़ेर-ए-एहतमाम = तत्वावधान मे
आलमी यौम-ए-हिंदी = हिंदी विश्व दिवस
मुन्न्क़िद = आयोजित
ज़ेर-ए-एहतमाम = तत्वावधान मे
आलमी यौम-ए-हिंदी = हिंदी विश्व दिवस
अहद = निर्णय
सामईन की= श्रोताओं की



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