बुधवार, 19 फ़रवरी 2025

माहिया गायन [02]: डा0 अर्चना पाण्डेय के स्वर में [होली पर]

  माहिया गायन [02] : डा0 अर्चना पाण्डेय के स्वर में  [होली पर]

मित्रो !

इस मंच पर और अन्य साहित्यिक मंच पर ,समय समय पर अपने माहिए लगाता रहता हूं।

आज उन्ही माहियों में से  मेरे कुछ माहियों का सस्वर पाठ डा0 अर्चना पांडेय जी ने अपनी आवाज़ मे किया है।मेरे माहियों को स्वर दिया है ।

जो आप लोगो के श्रवणार्थ और टिप्पणी हेतु इस मंच पर लगा रहा हूँ~

https://youtu.be/-uWOt1CNo_o?si=JVKYW-HUhQmaz_V2

डा0 अर्चना पाण्डेय  लोकगीत गायिका स्वर साधिका भी हैं। कई मंचों से और कई पुरस्कारों से सम्मानित भी 

हो चुकी है और कई साझा काव्य संग्रह का संपादन भी कर चुकी है। सम्प्रति आप एक केन्द्रीय विभाग  हैदराबाद के राजभाषा हिंदी अधिकारी पद पर

कार्यरत हैं

डा0 अर्चना पांडेय जी को  इस सत्प्रयास  को मेरी सतत शुभ कामनाएं॥

आप लोग भी अपनी राय दें।

सादर

-आनन्द.पाठक-


व्यंग्य वाचन: डा0 अर्चना पाण्डेय के स्वर में

 [ एक व्यंग्य-व्यथा  वाचन : डा0 अर्चना पाण्डेय के स्वर मे मे ]

मित्रो !

पिछले दिनों इसी मंच पर अपनी एक व्यंग्य व्यथा : वैलेन्टाइन डे :चौथी कसम : लगाई थी

जिसका वाचन हिंदी कवयित्री और लेखिका डा0 अर्चना पांडेय जी ने अपनी आवाज़ मे किया है

जो आप लोगो के श्रवणार्थ और टिप्पणी हेतु इस मंच पर लगा रहा हूँ। 

जिसका ’लिंक; नीचे लगा रहा हूँ

https://www.youtube.com/watch?v=3PpjoJ1GUMA

यह उनका प्रथम प्रयास है।


  वैसे हिंदी मंच से व्यंग्य वाचन परम्परा कभी प्रसिद्ध व्यंग्यकार आ0[स्व0] के0पी0 सक्सेना जी और

 आ0 [ स्व0] शरद जोशी जी ने शुरु किया था ,मगर यह विधा परवान न चढ़ सकी। 

संप्रति, प्रसिद्ध व्यंग्यकार आ0 सम्पत सरल जी ने इसे कुछ हद तक इसे जीवन्त बनाए रखा है और यू-ट्यूब पर बहुत सी उनकी  कड़ियां उपलब्ध हैं। देखा जा सकता है।

उर्दू साहित्य में वैसे यह परम्परा "दास्तानगोई" या "किस्सागोई  बहुत पहले थी । अब यह परम्परा धीरे धीरे लुप्त

होती जा रही है।

इसी परम्परा की नववाहिका डा0 अर्चना पांडेय जी को  इस प्रथम प्रयास को मेरी सतत शुभ कामनाए॥आप लोग भी अपनी राय दें।


सादर

-आनन्द.पाठक-


माहिया गायन[01] : डा0 अर्चना पाण्डेय के स्वर में


मित्रो !
इस मंच पर और अन्य साहित्यिक मंच पर ,समय समय पर अपने माहिए लगाता रहता हूं।
आज उन्ही माहियों में से मेरे कुछ माहियों का सस्वर पाठ डा0 अर्चना पांडेय जी ने अपनी आवाज़ मे किया है।मेरे माहियों को स्वर दिया है ।
जो आप लोगो के श्रवणार्थ और टिप्पणी हेतु इस मंच पर लगा रहा हूँ~
डा0 अर्चना पाण्डेय लोकगीत गायिका स्वर साधिका भी हैं। कई मंचों से और कई पुरस्कारों से सम्मानित भी
हो चुकी है और कई साझा काव्य संग्रह का संपादन भी कर चुकी है। सम्प्रति आप एक केन्द्रीय विभाग हैदराबाद के राजभाषा हिंदी अधिकारी पद पर
कार्यरत हैं
डा0 अर्चना पांडेय जी को इस सत्प्रयास को मेरी सतत शुभ कामनाएं॥
आप लोग भी अपनी राय दें।
सादर
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